दिन हुआ है, तो रात भी होगी, मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी, वो प्यार है ही इतना प्यारा, ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
बदनाम कर दिया रास्ता वो मोहब्बत का , अब तो हर सफर में रास्ता वही चुनते हैं ।
जाम से शर्त लगा कर जो शर्त हारते गए । शिकायत जाम फिर पैमानों से कहाँ कर सकते ।
इश्क़ के महकमे में बोली नही लगती थी , अमीरों की मोहब्बत ने हमे नीलाम करके छोड़ दिया ।
बड़ी मसक्कत से उनका जबाब मिला मुझको । उन्हें शिकायत है मैं अब पहले सा क्यों नही हूँ ।
सफर में उन्होंने साथ रहने का वादा तक कर लिया था, थोड़ा पीछे क्या रह गया उन्होंने रस्ता तक बदल लिया।
"'उनका मुड़ मुड़ कर देखना मुझे । सारी महफ़िल को मुझसे शिकायत हो गईं ।'"