Romantic shayari
अब हार पे मुस्कुराना भी आ जायेगा
अब हार पे मुस्कुराना भी आ जायेगा
तेरे प्यार में रहे तो खिलखिलाना भी आ जायेगा
मुश्किलों से भला हम क्यूँ डरें
तेरा साथ मिला है जब से
आँखों में नए नए सपने से हैं भरे
आसान हो गया है अब जीना
वो वक़्त पीछे छूटा
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जब रखना होता था होठों को सीना
अब गुनगुनाने में दिल बहल जाता है
तुम पास हो ना हो
जिक्र तुम्हारा खुद ही से हो जाता है
तेरे आने की दस्तक सुनते ही
दिन कब कैसे
इंतज़ार में तुम्हारे
हाथों से फिसल सा जाता है
अब तो तुमसे मिलके ही
यह दिल सुकून को पाता है
कई दफा तनहा रातों में
तुम्हारी हसरत में
यह मन मचल भी जाता है
अब तो बहती हवाओं की धुन में भी
नाम तुम्हारा ही सुनने को
जी चाहता है
Romantic shayari in hindi
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तेरे कदमो पे करते हैं निसार
मेरी ख्वाहिसों को रंगीनियत का एहसास दिला रही
मेरे ख़्वाबों में तुम इस कदर छा रही
जन्नत की मन्नत अब हम क्यूँ करें
आशियाने में अपने तेरी जुल्फों में क्यूँ न डूबा करें
इतनी हसीन हो और कहती हैं तारीफ़ भी न क्या करें
ज़िन्दगी को गुलाबों से महका के
मुझे अपना बनाके
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तेरे एहसान हम कैसे चुकाए
तेरा एहसास हम कैसे भुलाएं
जीवन की रफ़्तार
रुक -रुक कर रही इश्तिहार
तेरे कदमो पे करते हैं निसार
लिखने मे भी आनन्द कहा आता है
आप कि खातिर
आप कि कसम
कहने को हम जी रहे है
पर तुमसे मिलने कि
आस मे तड़प से रहे है
वक़्त वो पल भर मे गुजर जाता है
जिस पल मे तुम्हारा साथ घुल जाता है
और सुनो रानी तुम पास ना हो तो
लिखने मे भी आनन्द कहा आता है
Romantic Shayari
तेरे चेहरे का नूर मेरी आँखों में
तेरे चेहरे का नूर मेरी आँखों में
इस कदर बस चुका है
की पूनम का चाँद जैसे
मेरे जीवन में सज रहा है
होश कब कैसे बेकाबू हो रहे
हम तुम्हारी अदाओं के
कायल हो रहे
जब भी हम तुम्हारे
ख्यालों में खो जाते हैं
वक़्त बेवक़्त तेरी यादों
की उलझनों में बिखर से जाते हैं
इतिहास के पन्नो पे
मस्ती का माहौल था
पूरा दौर लिखा जा रहा था
इतिहास के पन्नो पे
एक गीत गुनगुना रहा था
मीत उसके सपनो का उसे
अपना बनाना चाह रहा था
एक सीधा साधा सा लड़का
घर को लौट रहा था
नज़रें तभी एक खिड़की पे जा रुकी और
आँखें उनसे कुछ यूँ टकराई
झील प्यार की दो दिलों ने बहायी
आस दो सतहों के मिलने की
उनके एक दूजे को समझने की
कहते कहते रुक जाने की
चाहत को छुपाने की
तड़पती रातों में खो जाने की
शायद………..
एक नए सवेरे की आहत थी
हाँ फिर से दो दिलों में
एक दूजे की चाहत थी
तुम्हारी हस्तियाँ
फिरंगी हैं तुम्हारी
अदाओ की मस्तियाँ
कल कल करती बहती
तुम्हारे नैनो की कश्तियाँ
कुछ और ही हैं
ये बस्तियां
तुम्हारा इश्क
तुम्हारी हस्तियाँ
हमारी महफ़िल में
जहां बसती थी खामोशियाँ
आज यहाँ भी बसती हैं
प्यार की गुस्ताखियाँ
आरज़ू बस इतनी की
नजाकत ऐसी की
मुस्कुराहत पे तुम्हारी
हो जाएँ हम निसार
इश्क में तेरे
हसरत ऐसी की
भूल जाएँ अपना हर अरमान
मोहब्बत में तुम्हारी
आरज़ू बस इतनी की
बन जाएँ एक बेहतर इंसान
तुमने एक पैगाम भेजा
नज़रो ही नज़रो में
सूरज की किरणों में
चांदनी में लिपटी
सलवटो में
इन्द्रधनुष की रंगीनियों में
तुमने एक पैगाम भेजा
सागर की लहरों से
बरखा की बूंदों से
मेरे हसीन लम्हों ने गुजारिश की
नाज़ुक तुम्हारी हथेलियों
में सजती लकीरों ने
एक ख्वाहिश की
तुमसे मिलने की चाहत में
बादल बन हमने तेरी
चौखट पे बारिश की
Romantic Shayari in hindi
चाहत में फिर रहे थे
एक हाथ में कागज़
एक में कलम
ओर दिल में सनम
मन में उठ रही थी तरंग
और सांसों में उमंग
अब दूर नहीं वो गगन
जिसको पाने की थी
सुबह शाम अगन
नज़रों में उनकी
देख रहे थे हम
वो प्यार जिसकी
चाहत में फिर रहे थे
संभाला तुम्ही ने अपने आँचल में
मेरी हर हार के बाद
आयी तेरे होठों पे मुस्कान
मेरे सूखे प्याले में भर जाए
खुशियाँ कुछ ऐसे थे मेरे अरमान
हाँ में था नादान
मुझे इल्म ही न था
तू ही है मेरी सच्ची कदरदान
संभाला तुम्ही ने अपने आँचल में
बाँधा मेरी हर बूँद को बरसाती बादल में
इस दफा कुछ ऐसा बरसूँगा
हारू या जीतू मैं बस झूमूँगा
साया हूँ मैं
कलमा तेरे इशक में
लिखने की ख्वाहिश लिए
आनंद में हैं………..
मत पूछो की
हम तेरी चाहत में हैं
जाने कितने सपनो को
सपना बनाया
पर एक तू ही है
जिसे सपनो में भी अपना पाया
साया हूँ मैं
भूल बैठा हूँ अपनी काया
तेरी मेरी कहानियाँ
हसरतें आज भी खिलखिला रही हैं
तेरी याद में भीगी जा रही हैं
सिमत रही हैं दूरियां
खनक रही हैं चूड़ियाँ
बहती हवा में घुल रही थी
तुम्हारी बेचैनियाँ
जब दूर दूर रहती थी
हमारी तुम्हारी नजदीकियां
वहाँ आस्मां भी गुनगुना रहा
हिम्मत तुम्हारी ही थी
आज फिर पंख अपने संभल रहे हैं
उड़ने की चाहत है
उस आस्मां को निहार रहे हैं
मोहब्बत किस अदा का नाम है
जानना चाहते हो
एक ऐसी ज़िन्दगी में शामिल
होना चाहते हो
जहाँ रंग बिखरे पड़े हैं
बस प्यार में दिल उलझे पड़े हैं
फितरत नहीं मेरी की कुछ यूँही कहदूं
हिम्मत तुम्हारी ही थी
की सोचा एक दफा फिर से उड़ान भरलूँ
जब जब तुम्हे देखा
आज साधारण सी दिखती
हर बात निराली है
इस घूँघट के पीछे छिपी
कोई शाम मतवाली है
जहां की रोशनी से छुप रही हो
या इस जहां को बनूर कर रही हो
धीमे -धीमे आती हो
जैसे चांदनी रात निराली है
बेजुबान हम हुए
जब जब तुम्हे देखा
जब साथ रहेंगे
जब साथ रहेंगे
चुप ना रहेंगे
कुछ भी कहेंगे
रात भर जगेंगे
दिल की सुनेंगे
जागती आँखों से
सपने हम बुनेंगे
हर ताल पे थिरकेंगे
दिल हमारे कुछ
यूँ ही धडकेंगे
जब साथ रहेंगे
भला हम तुम
फिर क्यूँ तड़पेंगे
एक दूजे में गुम
किसी दिन नदी के किनारे
हम होंगे बस तुम्हारे सहारे
कह रहे होंगे आरज़ू अपनी
बैठे बैठे तुम्हारे सिराहने
काजल को अपनी
बादलों पे उड़ेल दो
ज़रा बरखा की
कलाइयों को खोल दो
भीगेंगे फिर हम तुम
और हो जायेंगे
एक दूजे में गुम
चांदनी में लिपटी हुई
करिश्मा हो तुम
मेरी रूह का
आइना भी तुम
मेरी तमन्नाओं की
चाहत हो तुम
भीगी पड़ी मेहंदी की
ख्वाहिश भी तुम
चांदनी में लिपटी हुई
सी मूरत हो तुम
जो खुदा से की थी
वो गुजारिश भी तुम
वक़्त कुछ ऐसा बदला
तुझसे मिलने में वो बात है
की भीगे मेरे ज़ज्बात हैं
एक ऐसा मुकाम जो
तेरे साथ साथ
हम पा गए
साथ मिला तेरा
और हम खुद को
खुद ही से हार गए
एक वक़्त था जब
खुदा से मिलने की खातिर
राहो को अपनी हम निहार रहे थे
वक़्त कुछ ऐसा बदला
हवा ने रुख कुछ यूँ पलता की
हम जुल्फे तुम्हारी संवारने में
वक़्त अपना गुजार रहे थे
मेरी दुनिया बस तुम्ही में
इजाज़त हो जो आपकी
कुछ कहें
बस एक पल को हम आपकी
बाहों में रहे
उल्फतों में उलझने उलझ
रही हैं
मेरी दुनिया बस तुम्ही में
सिमट रही हैं
गिरफ्त की तुम्हारी
आदत हो चली है रानी
तुम्ही से तुम्ही तक है सिमटी
हम और हमारी कहानी
Lonely Lonely
कितने lonely lonely रहते हैं
तेरे बिना
करले यकीन जो भी हम कहते है
ए मेरी हिना
तेरे लबों पे ख़ामोशी
हम क्यूँ सहें
पानी बिन सागर
भला कैसे रहे
तड़प रहे हैं पल पल
कैसे कहें
बन पानी आँखों से तुम्हारी
हम यूँ बहें
की होश में ना तुम रहे
ना हम रहे
दिला देती है एहसास
सफ़र ये आसान नहीं
जब हमदम साथ नहीं
कहीं बादल हैं
पर बरसात नहीं
कहीं उसके थमने के
आसार नहीं
हर ओर से जो
हो चुके थे निराश
आज उनको है अपनी
मंजिल की तलाश
जब लगती है प्यास
सबको होती है एक बूँद
से भी बड़ी सी आस
दिला देती है एहसास
कौन है कितना ख़ास
कुछ कहना चाह रही थी
आज वो फिर नज़र आयी
धुंधलाती सी तस्वीर में
रंगों की रंगत ने
जैसे करामात दिखलायी
आज कुछ नया सा एहसास है
उसके हाथों में फिर मेरा हाथ है
लकीरों को खिंचने की चाहत लिए
वो खिलखिलायी
और वो हमारे करीब आयी
नदियों की धारा को लिए
वो बहती ही जा रही थी
धीरे धीरे आँखों में उसकी
शर्म सी छा रही थी
शायद
शायद वो
कुछ कहना चाह रही थी
आज वो हमें फिर से अपना
banana chah rahi thi
Love shayari for girlfriend 140 words
मेरी आह निकल रही
कशिश तेरी आँखों की
मेरे दिल में
यूँ जगह कर रही
दबी जबान से जैसे
मेरी आह निकल रही
मुस्कान तुम्हारी
होठों पर कुछ यूँ बिखर रही
बड़ी मुश्किल में हैं
हमारी जान
देखो अब कहीं जाके
हमारी सांसें संभल रही
दिल की दरख्वास्त
इस रूह का एक ही मकसद
इश्क में जियें
इश्क में खिलें
इश्क में उडें
इश्क में डाले
एक दूजे की बाहों में
बाहों के हार
नज़रों में तेरी करें
अपनी मंजिलों की तलाश
और बह चले
उन हवाओं की सनसनाती रुत में
जहां हो तो सिर्फ तेरे प्यार की प्यास
कुछ ऐसी ही है
इस छोटे से दिल की दरख्वास्त
ये वो अनजाने थे
रंग वही पुराने थे
बस मिल बैठ कर सजाने थे
कुछ दूर साथ चले
ये वो अनजाने थे
राग अपने अपने
दोनों ही को सुनाने थे
एक साज़ में बंध चुके थे
अपनी ही दुनिया में
वो रंग चुके थे
हलके से एक दिन आंधी
अहम् की उन दोनों के बीच गहरायी
और दूरियां उन दोनों ने बढाई
क्या उन्हें एक दूजे की याद ना आई
ये कैसी बेरहम आग
उन्होंने अपने आँगन लगायी
वक़्त के साथ साथ
है अजीब ये कहानी
एक दीवाना एक दीवानी
और एक सयानी
दीवाना डूबा रहता था
सयानी के प्यार में
दीवानी बेबस थी
दीवाने के इंतज़ार में
सयानी को यह बात रास न आयी
और दीवाने के दिल में
यह बात उसने बैठायी
शादी की कसमो को
उन अनकहे वादों को
निभाना
गुजरी बातो को
अपनी चाहतो को
वक़्त के साथ साथ
भूल जाना
है हमसफ़र वही जो संग
चल रहा है
मैं कुछ भी नहीं
देख तेरी खातिर
दीवानी का दिल मचल रहा है
यह सुन दीवाना भी अब
पल पल बदल रहा है
याद रखना यह तारीख
वो नादान दीवानी हो रही
जिसकी कहानी
आज आम हो रही
कह रहे हैं आशिक भी
ज़रा याद रखना यह तारीख भी
ए मासूम अनजानी
तुम हो रही हो सयानी
भूल के भी उन गलियों में न जाना
मासूम कलि यूँही किसी की
बातों में ना आना
जब भी दिल अपना लगाना
सोच समझ के फैसला अपना सुनाना
काबिलियत की तेरी
अर्जी को मेरी
मर्जी की तेरी
मोहब्बत को मेरी
इज़ाज़त की तेरी
सलामती को मेरी
हिफाज़त की तेरी
जरूरतों को मेरी
मुद्दतो से तेरी
ज़िन्दगी को मेरी
एक अदद
मुस्कान की तेरी
ख्वाहिसों को मेरी
काबिलियत की तेरी
बस इतना सा जानो
तुम राहत हो मेरी
हम खो बैठे है खुद ही को
हर आहात पे तेरी
ऐसी दूरी सह न पाएंगे
इंतज़ार की इंतज़ार
करते करते इन्तेहाँ हो गयी
बाज़ार में खरीददारी
करते करते शाम हो गयी
घंटो राह में आँखें बिछाये थे बैठे
सोच रहे थे
आजकल चुप चुप क्यूँ हैं रहते
भला हमसे अपने दिल की बात
क्यूँ नहीं हैं कहते
वक़्त अब गुजरता नहीं
तू संग है पर
पहले सी मस्तियाँ क्यूँ नहीं
आँखे शरारती अब क्यूँ नहीं
मुझसे शिकायते भला क्यूँ नहीं
ऐसी दूरी सह न पाएंगे
मजाक में भी हम तुमसे
रूठ नहीं पाएंगे
इश्क की इन गलियों में
जिन गलियों से गुजरने की
ख्वाहिश लिए चले जा रहे थे
जिस दुपट्टे के सरकने से
हम मचले जा रहे थे
आज उन्ही गलियों में
उसी दुपट्टे के संग
उड़ने की चाहत
मेरे दिल में यूँ घर कर गयी
इश्क की इन गलियों में जब
तू मेरी आँखें नम कर गयी
कल रात तुम चुपके से
हमें दुआ सलाम कर गयी
बंधन में बंधे हैं
काजल से सजी आँखों में
नज़रें तुम्हारी
कुछ ऐसी सज रही हैं
की कह रहे हैं कुछ
और आप हैं की कुछ
और ही समझ रही हैं
बंधन में बंधे हैं
जहा नियम बड़े कड़े हैं
तेरे इंतज़ार में ना जाने
कब से यही खड़े हैं
मंजिल मिल चुकी थी
जाने अनजाने
किसी से गुफ्तगू कर ली
फिर बातों बातों में
दोस्ती कर ली
प्यार के रंग में डूबे जा रहे थे
कसमे -वादे निभाना चाह रहे थे
दोनों अपनी ही बस्ती में खुश थे
भीड़ में थे पर वो गुम थे
हर पल में उनके एक अजब सी
मस्ती घुल चुकी थी
शायद दोनों को अपनी अपनी
मंजिल मिल चुकी थी
सपनो में अपनों को
अपनों को अपनों की
सपनो को सपनो की
अपनों के सपनो को
सपनो में अपनों की
इतनी सी ख्वाहिश को
पूरा करने को
अपनों की इजाज़त की
रब की इबादत की
बस एक चाहत की
और एक कदम बढाने की
जरुरत महसूस जो करो
तो सपनो में अपनों को
शामिल किया करो
महसूस हमने किया
सामने तुम्हारा हैं बैठे
कुछ दिल में है
पर यूँ ही कैसे कहते
तुम बेसब्री से इंतज़ार में डूबी हो
तुम हर पल मेरी बातों में गूंजी हो
जानकर हैरान हो रही
झूठ मूठ आँख मूँद सो रही
अपने ख्यालो में
कुछ अनसुलझे सवालों में
जबसे हमें शामिल है किया
नजदीकियाँ होती हैं क्या
महसूस हमने किया
रहती हो हमारी धडकनों में
शरारती हो अंदाज़-ए -बयान
और पूछे वो रहते हो कहाँ
बेझिझक पर्दा शर्म का उठाओ
और कहदो ज़रा सूरत तो दिखलाओ
आइना हमारी आँखें बन जाएँगी
जब भी तुम बन संवर
झूठ झूठ इतराओगी
जब बिछदेंगे हम तुम
कल कब मिलोगी
यह जरुर बतलाओगी
बेहिसाब बारिश के मौसम में
इन्द्रधनुष सी खिलखिलाओगी
क्या मुझसे ये वादे निभाओगी
रहती हो हमारी धडकनों में
कल तुम सब को बतलाओगी
इज़ाज़त आपकी चाहते हैं
हुज़ूर कहिए
यूँ चुप तो न रहिए
हमारी तारीफों को ज़रा सी
तवज्जो तो दीजिये
बस इतना सा रहम इस
दीवाने पे कीजिये
इज़ाज़त आपकी चाहते हैं
कुछ लिखने से पहले
बस आपको मुस्कुराते
देखना चाहते हैं
घर से निकलने से पहले
और हमने तेरी खातिर
परिंदे आकाश में फिरते
कुछ इस धरती की
पनाह में बसते
सपने रातों के उजाले में हैं निकलते
अपनी इक अलग सी
दुनिया को वो हैं रचते
यहाँ हर किसी ने
अपने एक जहां बसा रखा है
और हमने तेरी खातिर
अपने सपनो को भी सुला रखा है
कुछ ऐसी हमारी रानी है
वो बेहतरीन
एक ऐसी हसीन
जिसकी बातों में शामिल
बस हम है
वो कहती है
कुछ कहो ना
यूँ चुप चुप रहो ना
जुबान पे तुम्हारी
नाम हमारा आता नहीं
दिल को तुम्हारे
हमारे सिवा कोई भाता नहीं
करो ना करो यकीन
कुछ ऐसी हमारी रानी है
है छोटी पर दिलचस्प
हमारी प्रेम कहानी है
मोहब्बत में हूँ
बस करो की
इतना प्यार
मैं कैसे संभालू
एक पल को सोचू
एक पल तुमको निहारूं
और कुछ इसी तरह
दिन रात मैं गुजारूं
तेरे ख्वाबों को पूरा करने की
आस्मां में पतंग सा उड़ने की
कोशिश क्यूँ ना करूं
जब हर पल है रंगीन
तो जज्बातों में क्यूँ ना बहूँ
मोहब्बत में हूँ
भला औरों से क्यूँ ना कहूं
प्यार करना कोई तुमसे सीखे
चोरी चोरी
कोरी कोरी
बातें तेरी थोड़ी थोड़ी
चलती हो तुम होले होले
मिश्री सी मिठास घोले
हसीन मेरा हर पल हो आया
कुछ कम सा था
जो मैंने तुममे पाया
हमें पता है वादे
तुम्हारे हैं सच्चे नहीं हैं झूठे
कभी कभी तुम यूँही
रहते हो रूठे रूठे
प्यार करना कोई तुमसे सीखे
मोहब्बत निभाना कोई तुमसे सीखे
तेरी इबादत मिली
रोशनी को मेरी
वो मोहब्बत मिली
रहता हूँ इस जहां में
और तेरी इबादत मिली
रंगों में नहाई अब
हर सुबह नज़र आती है
तेरी खुशबू मेरी ज़िन्दगी
को कुछ इस तरह महकाती है
की तेरी इक झलक हमें
जन्मों का सुकून दे जाती है
बहक जाता हूँ
जब तुम को सामने पाता हूँ
एक पल भी अब
तेरे बिन रह नहीं पाता हूँ
मेरा मकसद था
कहती हो एहसान
मेरी चाहत से अनजान
लगती हो नादान
ज़रा सुनो
यह प्यार भरा फरमान
अब कुछ भी हो जाए
चाहे हम कितना भी सतायें
या हम तुमसे रूठ जाये
तुम झुकना नहीं
कहने से चूकना भी नहीं
गुनाह को मेरे मैं कुबूल करूँगा
फिर कभी दोबारा
ना मैं तुमसे लडूंगा
सिर्फ इश्क करूँगा
इश्क करूँगा…….
पर इस बात से इत्तेफाक रखना
मेरा मकसद था
बस इक तुम्हारा ख्याल रखना
हमारा कोई ख्वाब नहीं
मैं इस तरफ
तुम उस तरफ
और कुछ ही पल पहले
हमने देखे
वो रंग तुम्हारे रुपहले
जी चाह रहा था
रंग में तुम्हारे रंग जाने को
एक मन था संग तुम्हारे
बादलो से घिर जाने को
कुछ रहा नहीं अब कह जाने को
वक़्त हो गया था
दूर तुमसे जाने का
तुम सामने ही थी और
ढूंढ रहा था मैं वजह
दिल को तुम्हारे बहलाने का
मन नहीं था
तुम्हे अलविदा कहने का
उस दर्द को फिर से सहने का
माना हम तुम साथ नहीं
ऐसे जीना आसान नहीं
सच कहें
तुम हमारी अर्धांगिनी हो
हमारा कोई ख्वाब नहीं
love shayari in hindi
आसमान की चादर
रौनक लौट आयी
भीनी भीनी खूशबू हवा में समाई
मैं अभिभूत हूँ
देख तुम्हारे विचारों की गहराई
देखो ज़रा
आसमान की चादर भी कैसी जगमगायी
मन में मेरे है कशमकश
तुम तुम ही हो या हो मेरा ही अक्स
ढूंढना चाहे कोई तो भी ना ढूंढ सकेगा
तुम जैसा ओर कोई शख्स
मैं सरहद भी लांघ गया था
तुझसे मिलने की खातिर
एक रोज़
मैं सरहद भी लांघ गया था
और कहती हो मैं तुमसे
दूर क्यूँ गया था
हँसते हँसते
तुम जिक्र जुदाई का कर रही थी
तुम्हे क्या पता
यहाँ मेरी जान जल रही थी
मैं कहता नहीं
हाँ सहता भी नहीं
हर जशन में शामिल
तुम्हे करना चाहते हैं
शायद यही थी वजह
की हम तुमसे मिलना चाहते हैं
हमारे बिना रह नहीं पाते
दिल तो तुम्हारा
संभाले नहीं संभल रहा था
मैं कुछ भी कहूं
तुम्हे खूब जच रहा था
हर पल के संग
तेरी मेरी नजदीकियां
बढती ही जा रही थी
धीरे धीरे ही सही
जिंदगी पटरी पे आ रही थी
कुछ तो ज़िन्दगी भर साथ रहके भी
एक दूजे को समझ नहीं हैं पाते
और तुम हो की एक पल को भी
हमारे बिना रह नहीं पाते
बड़ी खूब
मेरी हमदम मेरी दोस्त
मेरी ज़िन्दगी की होस्ट
तुम्हारा मुस्कुराना
पलकों का लहराना
बालों का बिखरना
एक कला है
हमें पता है तुम्हारे अन्दर
एक कलाकार बसा है
इस जीवन में तेरा साथ मिला
बड़ी खूब मेरे रब की रजा है
तेरे आने से उम्मीद हो गयी
जिस मोहब्बत के साये में
आज जी रहा हूँ
खुशनसीब हूँ
हर पल पानी सा बह रहा हूँ
खुद को जान रहा हूँ
इस जहां में आने की वजह
तलाशा करता था
जाने किस तरह खुद को
संभाला करता था
तेरे आने से उम्मीद हो गयी
मेरी धड़कन भी तेरी मुरीद हो गयी
जरा सम्भल के
जिनको समझ नहीं थी
वो बोल रहे थे
खुली हवा में ज़हर घोल रहे थे
पोल खुली तो
नजर वो आये नहीं
और सीधे साधे कभी
किसी को भाए नहीं
नज़र जो खुल भी जाए
वक़्त के गुजर जाने के बाद
तो कोई कैसे हो आबाद
जरा सम्भल के
जाने कहाँ छुपा हो अगला दगाबाज़
एक दूजे को आदाब
कुछ मुलाकातें ऐसी होती हैं
वो आते हैं
टकराते हैं
फिर गुमसुम से हो जाते हैं
खुद को रोक नहीं हैं पाते
उसी को ढूंढते है आते जाते
पलटते रहते है किताब
देखते हैं जागती आँखों से ख्वाब
हो जाते हैं एक दूजे से मिलने को बेताब
कुछ हैं जो प्यार में
कह रहे एक दूजे को आदाब
हम मस्त कलंदर
एक नग
जो नथनी बना बैठा है
काजल से तुम्हारी ऐठा ऐठा है
कंगन भी कुछ कम नहीं
पहला दूजे से रूठा बैठा है
पायल भी तुम्हारी
याद में हमारी
गा रही क़वाली
मेरी मासूम कली
मिश्री की डली
रूठो न यूँ की सूना सूना सा
हो जाता है मंजर
ज़रा हंस भी दो की
हो जाये हम मस्त कलंदर
हमारी जहाँआरा
महसूस कुछ यूँ किया है
पी रहा हूँ अमृत
जिसका जिक्र हमने आज
पहली ही दफा किया है
अब जैसे हर पल को
खुल के जिया है
किस्सा कुछ ऐसा ही है हमारा
हिस्सा हो चुके हैं हम तुम्हारा
बड़ी खूबसूरत है हमारी जहाँआरा
आदतें हमारी तुम पहचानती हो
तसवीरें बोल पड़ेंगी
तकदीरें जाग उठेंगी
बजने लगेंगी शेहनाईयां
लुट जाएँगी तनहाइयाँ
जब जब नज़रें तुम्हारी
हम से मुलाकातें करेंगी
आदतें हमारी तुम पहचानती हो
दूरियां हैं क्यूँ यह भी जानती हो
और क्या चाहे खुद से
जब तुम हमें अपना मानती हो
हीर राँझा का अवतार हो
जो इश्क में हैं होते
वो वक़्त को जाया
यूँही नही किया करते
जहां से हैं गुजरते
लोग उन जैसा होने हैं लगते
बादल भी हैं जब जब बरसते
मोहब्बत को भीगाने को हैं तरसते
और प्यार में डूबना तो है एक कला
जो डूबा वो अपने खुदा से जा मिला
ज़रा ढूंढो अपने प्यार को
और जो ढूढ़ चुके हो तो
ज़रा समझो अपने यार को
महसूस करो उसके दीदार को
रब करे प्यार तुम्हारा सदाबहार हो
क्या पता तुम ही में अगले
हीर राँझा का अवतार हो
खुदा करे खुशियाँ तुम्हारे
जीवन में बेशुमार हो
इन्द्रधनुष के सातों रंग
अंदाज़ ए वफ़ा
कुछ ऐसा होगा
तेरा पल पल इन
आँखों में बयां होगा
रोम रोम मेरा
फिर से जवां होगा
ऐसा समा ओर कहाँ होगा
जब हम तुम होंगे संग
ढूंढ लेंगे हमें
इन्द्रधनुष के सातों रंग
बज उठेंगे ताल और मृदंग
जश्न में डूबेंगे
हम और हमारी हमदम
हाँ हम लड़ेंगे
जीने को बहाने हैं हज़ार
पर यकीन है
तुम संग आएगी बहार
कभी ना आने देंगे
एक दूजे के बीच में दीवार
रहेंगे हमेशा सपनो पे सवार
ना होने देंगे कभी ऐसे हालात
जहां हम दोनों के बीच बिगड़े बात
चुप ना रहेंगे
कुछ भी….. बस कहेंगे
हाँ हम लड़ेंगे
ऐसा जैसा कभी ना किया
फिर कहना प्यार का वो रंग
भी हमने क्या खूब जिया
उन पलो में भी हमने तेरे
प्यार ही को महसूस था किया
रखते हैं ऐसी ख्वाहिश
जाने अनजाने में
हमारे फसानो में
आप कुछ यूँ शामिल हुए
ज़िन्दगी में हमारी
वो निखर आया
भूला ना पाए
ऐसा प्यार पाया
परेशानियों में करते हैं
आप ही से गुजारिश
सपनो में हमारे रोज़ आया करो
रखते हैं ऐसी ख्वाहिश
मुझसे मेरा साया
मुद्दतो में किसी को
ऐसा प्यार नसीब है होता
वो है बदनसीब जो
उस पर से यकीन है खोता
कहते नहीं बनता
सपने जो था बुनता
हूबहू तुममे पाया
खुदा ने मिलाया
मुझसे मेरा साया
प्यार में शक न करना
कुछ सपने हमने भी देखे
kuch अपने भी हमने देखे
कुछ सपने थे अपने तो
kuch अपनों के भी थे सपने
कुछ के सपने टूट गए
जब उनके उनसे रूठ गए
रूठना मनाना
हर बात खुल कर कह जाना
कुछ ऐसा ही होता है
प्यार मे डूब जाना
कुछ ने अपनों के संग थे सपने सजोये
बिखर जाने पे वो भी रोये थे
कई कई रात नहीं सोये थे
कुछ वक़्त खुद ही के संग जो गुजारा
कहने लगे खुद ही से
प्यार में शक न करना दोबारा
Love shayari in hindi for girlfriend 140 words
आशिकों के अंजुमन में
हुस्न भी गजब है
और रुत भी
पानी की बूंदों सी
छलक रही थी तुम भी
टप टप बरस रही थी
बारिश सी
मन में जाग उठी
ख्वाहिश सी
क्यूँ ना बह चले इन पलो में
शामिल हुए अब हम भी
आशिकों के अंजुमन में
अब हार पे मुस्कुराना भी आ जायेगा
अब हार पे मुस्कुराना भी आ जायेगा
तेरे प्यार में रहे तो खिलखिलाना भी आ जायेगा
मुश्किलों से भला हम क्यूँ डरें
तेरा साथ मिला है जब से
आँखों में नए नए सपने से हैं भरे
आसान हो गया है अब जीना
वो वक़्त पीछे छूटा
जब रखना होता था होठों को सीना
अब गुनगुनाने में दिल बहल जाता है
तुम पास हो ना हो
जिक्र तुम्हारा खुद ही से हो जाता है
तेरे आने की दस्तक सुनते ही
दिन कब कैसे
इंतज़ार में तुम्हारे
हाथों से फिसल सा जाता है
अब तो तुमसे मिलके ही
यह दिल सुकून को पाता है
कई दफा तनहा रातों में
तुम्हारी हसरत में
यह मन मचल भी जाता है
अब तो बहती हवाओं की धुन में भी
नाम तुम्हारा ही सुनने को
तेरे कदमो पे करते हैं निसार
मेरी ख्वाहिसों को रंगीनियत का एहसास दिला रही
मेरे ख़्वाबों में तुम इस कदर छा रही
जन्नत की मन्नत अब हम क्यूँ करें
आशियाने में अपने तेरी जुल्फों में क्यूँ न डूबा करें
इतनी हसीन हो और कहती हैं तारीफ़ भी न क्या करें
ज़िन्दगी को गुलाबों से महका के
मुझे अपना बनाके
तेरे एहसान हम कैसे चुकाए
तेरा एहसास हम कैसे भुलाएं
जीवन की रफ़्तार
रुक -रुक कर रही इश्तिहार
तेरे कदमो पे करते हैं निसार
लिखने मे भी आनन्द कहा आता है
आप कि खातिर
आप कि कसम
कहने को हम जी रहे है
पर तुमसे मिलने कि
आस मे तड़प से रहे है
वक़्त वो पल भर मे गुजर जाता है
जिस पल मे तुम्हारा साथ घुल जाता है
और सुनो रानी तुम पास ना हो तो
लिखने मे भी आनन्द कहा आता है
तेरे चेहरे का नूर मेरी आँखों में
तेरे चेहरे का नूर मेरी आँखों में
इस कदर बस चुका है
की पूनम का चाँद जैसे
मेरे जीवन में सज रहा है
होश कब कैसे बेकाबू हो रहे
हम तुम्हारी अदाओं के
कायल हो रहे
जब भी हम तुम्हारे
ख्यालों में खो जाते हैं
वक़्त बेवक़्त तेरी यादों
की उलझनों में बिखर से जाते हैं
best shayari in hindi
इतिहास के पन्नो पे
मस्ती का माहौल था
पूरा दौर लिखा जा रहा था
इतिहास के पन्नो पे
एक गीत गुनगुना रहा था
मीत उसके सपनो का उसे
अपना बनाना चाह रहा था
एक सीधा साधा सा लड़का
घर को लौट रहा था
नज़रें तभी एक खिड़की पे जा रुकी और
आँखें उनसे कुछ यूँ टकराई
झील प्यार की दो दिलों ने बहायी
आस दो सतहों के मिलने की
उनके एक दूजे को समझने की
कहते कहते रुक जाने की
चाहत को छुपाने की
तड़पती रातों में खो जाने की
शायद………..
romantic shayari for girlfriend
एक नए सवेरे की आहत थी
हाँ फिर से दो दिलों में
एक दूजे की चाहत थी
तुम्हारी हस्तियाँ
फिरंगी हैं तुम्हारी
अदाओ की मस्तियाँ
कल कल करती बहती
तुम्हारे नैनो की कश्तियाँ
कुछ और ही हैं
ये बस्तियां
तुम्हारा इश्क
तुम्हारी हस्तियाँ
हमारी महफ़िल में
जहां बसती थी खामोशियाँ
आज यहाँ भी बसती हैं
प्यार की गुस्ताखियाँ
आरज़ू बस इतनी की
नजाकत ऐसी की
मुस्कुराहत पे तुम्हारी
हो जाएँ हम निसार
इश्क में तेरे
हसरत ऐसी की
भूल जाएँ अपना हर अरमान
मोहब्बत में तुम्हारी
आरज़ू बस इतनी की
बन जाएँ एक बेहतर इंसान
तुमने एक पैगाम भेजा
नज़रो ही नज़रो में
सूरज की किरणों में
चांदनी में लिपटी
सलवटो में
इन्द्रधनुष की रंगीनियों में
तुमने एक पैगाम भेजा
सागर की लहरों से
बरखा की बूंदों से
मेरे हसीन लम्हों ने गुजारिश की
नाज़ुक तुम्हारी हथेलियों
में सजती लकीरों ने
एक ख्वाहिश की
तुमसे मिलने की चाहत में
बादल बन हमने तेरी
चौखट पे बारिश की
pyar shayari in hindi
चाहत में फिर रहे थे
एक हाथ में कागज़
एक में कलम
ओर दिल में सनम
मन में उठ रही थी तरंग
और सांसों में उमंग
अब दूर नहीं वो गगन
जिसको पाने की थी
सुबह शाम अगन
नज़रों में उनकी
देख रहे थे हम
वो प्यार जिसकी
चाहत में फिर रहे थे
संभाला तुम्ही ने अपने आँचल में
मेरी हर हार के बाद
आयी तेरे होठों पे मुस्कान
मेरे सूखे प्याले में भर जाए
खुशियाँ कुछ ऐसे थे मेरे अरमान
हाँ में था नादान
मुझे इल्म ही न था
तू ही है मेरी सच्ची कदरदान
संभाला तुम्ही ने अपने आँचल में
बाँधा मेरी हर बूँद को बरसाती बादल में
इस दफा कुछ ऐसा बरसूँगा
हारू या जीतू मैं बस झूमूँगा
shayari for gf
साया हूँ मैं
कलमा तेरे इशक में
लिखने की ख्वाहिश लिए
आनंद में हैं………..
मत पूछो की
हम तेरी चाहत में हैं
जाने कितने सपनो को
सपना बनाया
पर एक तू ही है
जिसे सपनो में भी अपना पाया
साया हूँ मैं
भूल बैठा हूँ अपनी काया
तेरी मेरी कहानियाँ
हसरतें आज भी खिलखिला रही हैं
तेरी याद में भीगी जा रही हैं
सिमत रही हैं दूरियां
खनक रही हैं चूड़ियाँ
बहती हवा में घुल रही थी
तुम्हारी बेचैनियाँ
जब दूर दूर रहती थी
हमारी तुम्हारी नजदीकियां
वहाँ आस्मां भी गुनगुना रहा
हिम्मत तुम्हारी ही थी
आज फिर पंख अपने संभल रहे हैं
उड़ने की चाहत है
उस आस्मां को निहार रहे हैं
मोहब्बत किस अदा का नाम है
जानना चाहते हो
एक ऐसी ज़िन्दगी में शामिल
होना चाहते हो
जहाँ रंग बिखरे पड़े हैं
बस प्यार में दिल उलझे पड़े हैं
फितरत नहीं मेरी की कुछ यूँही कहदूं
हिम्मत तुम्हारी ही थी
की सोचा एक दफा फिर से उड़ान भरलूँ
जब जब तुम्हे देखा
आज साधारण सी दिखती
हर बात निराली है
इस घूँघट के पीछे छिपी
कोई शाम मतवाली है
जहां की रोशनी से छुप रही हो
या इस जहां को बनूर कर रही हो
धीमे -धीमे आती हो
जैसे चांदनी रात निराली है
बेजुबान हम हुए
जब जब तुम्हे देखा
जब साथ रहेंगे
जब साथ रहेंगे
चुप ना रहेंगे
कुछ भी कहेंगे
रात भर जगेंगे
दिल की सुनेंगे
जागती आँखों से
सपने हम बुनेंगे
हर ताल पे थिरकेंगे
दिल हमारे कुछ
यूँ ही धडकेंगे
जब साथ रहेंगे
भला हम तुम
फिर क्यूँ तड़पेंगे
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एक दूजे में गुम
किसी दिन नदी के किनारे
हम होंगे बस तुम्हारे सहारे
कह रहे होंगे आरज़ू अपनी
बैठे बैठे तुम्हारे सिराहने
काजल को अपनी
बादलों पे उड़ेल दो
ज़रा बरखा की
कलाइयों को खोल दो
भीगेंगे फिर हम तुम
और हो जायेंगे
एक दूजे में गुम
चांदनी में लिपटी हुई
करिश्मा हो तुम
मेरी रूह का
आइना भी तुम
मेरी तमन्नाओं की
चाहत हो तुम
भीगी पड़ी मेहंदी की
ख्वाहिश भी तुम
चांदनी में लिपटी हुई
सी मूरत हो तुम
जो खुदा से की थी
वो गुजारिश भी तुम
वक़्त कुछ ऐसा बदला
तुझसे मिलने में वो बात है
की भीगे मेरे ज़ज्बात हैं
एक ऐसा मुकाम जो
तेरे साथ साथ
हम पा गए
साथ मिला तेरा
और हम खुद को
खुद ही से हार गए
एक वक़्त था जब
खुदा से मिलने की खातिर
राहो को अपनी हम निहार रहे थे
वक़्त कुछ ऐसा बदला
हवा ने रुख कुछ यूँ पलता की
हम जुल्फे तुम्हारी संवारने में
वक़्त अपना गुजार रहे थे
मेरी दुनिया बस तुम्ही में
इजाज़त हो जो आपकी
कुछ कहें
बस एक पल को हम आपकी
बाहों में रहे
उल्फतों में उलझने उलझ
रही हैं
मेरी दुनिया बस तुम्ही में
सिमट रही हैं
गिरफ्त की तुम्हारी
आदत हो चली है रानी
तुम्ही से तुम्ही तक है सिमटी
हम और हमारी कहानी
Lonely Lonely
कितने lonely lonely रहते हैं
तेरे बिना
करले यकीन जो भी हम कहते है
ए मेरी हिना
तेरे लबों पे ख़ामोशी
हम क्यूँ सहें
पानी बिन सागर
भला कैसे रहे
तड़प रहे हैं पल पल
कैसे कहें
बन पानी आँखों से तुम्हारी
हम यूँ बहें
की होश में ना तुम रहे
ना हम रहे
दिला देती है एहसास
सफ़र ये आसान नहीं
जब हमदम साथ नहीं
कहीं बादल हैं
पर बरसात नहीं
कहीं उसके थमने के
आसार नहीं
हर ओर से जो
हो चुके थे निराश
आज उनको है अपनी
मंजिल की तलाश
जब लगती है प्यास
सबको होती है एक बूँद
से भी बड़ी सी आस
दिला देती है एहसास
कौन है कितना ख़ास
कुछ कहना चाह रही थी
आज वो फिर नज़र आयी
धुंधलाती सी तस्वीर में
रंगों की रंगत ने
जैसे करामात दिखलायी
आज कुछ नया सा एहसास है
उसके हाथों में फिर मेरा हाथ है
लकीरों को खिंचने की चाहत लिए
वो खिलखिलायी
और वो हमारे करीब आयी
नदियों की धारा को लिए
वो बहती ही जा रही थी
धीरे धीरे आँखों में उसकी
शर्म सी छा रही थी
शायद
शायद वो
कुछ कहना चाह रही थी
आज वो हमें फिर से अपना
banana chah rahi thi
मेरी आह निकल रही
कशिश तेरी आँखों की
मेरे दिल में
यूँ जगह कर रही
दबी जबान से जैसे
मेरी आह निकल रही
मुस्कान तुम्हारी
होठों पर कुछ यूँ बिखर रही
बड़ी मुश्किल में हैं
हमारी जान
देखो अब कहीं जाके
हमारी सांसें संभल रही
दिल की दरख्वास्त
इस रूह का एक ही मकसद
इश्क में जियें
इश्क में खिलें
इश्क में उडें
इश्क में डाले
एक दूजे की बाहों में
बाहों के हार
नज़रों में तेरी करें
अपनी मंजिलों की तलाश
और बह चले
उन हवाओं की सनसनाती रुत में
जहां हो तो सिर्फ तेरे प्यार की प्यास
कुछ ऐसी ही है
इस छोटे से दिल की दरख्वास्त
ये वो अनजाने थे
रंग वही पुराने थे
बस मिल बैठ कर सजाने थे
कुछ दूर साथ चले
ये वो अनजाने थे
राग अपने अपने
दोनों ही को सुनाने थे
एक साज़ में बंध चुके थे
अपनी ही दुनिया में
वो रंग चुके थे
हलके से एक दिन आंधी
अहम् की उन दोनों के बीच गहरायी
और दूरियां उन दोनों ने बढाई
क्या उन्हें एक दूजे की याद ना आई
ये कैसी बेरहम आग
उन्होंने अपने आँगन लगायी
Love shayari in hindi
वक़्त के साथ साथ
है अजीब ये कहानी
एक दीवाना एक दीवानी
और एक सयानी
दीवाना डूबा रहता था
सयानी के प्यार में
दीवानी बेबस थी
दीवाने के इंतज़ार में
सयानी को यह बात रास न आयी
और दीवाने के दिल में
यह बात उसने बैठायी
शादी की कसमो को
उन अनकहे वादों को
निभाना
गुजरी बातो को
अपनी चाहतो को
वक़्त के साथ साथ
भूल जाना
है हमसफ़र वही जो संग
चल रहा है
मैं कुछ भी नहीं
देख तेरी खातिर
दीवानी का दिल मचल रहा है
यह सुन दीवाना भी अब
पल पल बदल रहा है
याद रखना यह तारीख
वो नादान दीवानी हो रही
जिसकी कहानी
आज आम हो रही
कह रहे हैं आशिक भी
ज़रा याद रखना यह तारीख भी
ए मासूम अनजानी
तुम हो रही हो सयानी
भूल के भी उन गलियों में न जाना
मासूम कलि यूँही किसी की
बातों में ना आना
जब भी दिल अपना लगाना
सोच समझ के फैसला अपना सुनाना
काबिलियत की तेरी
अर्जी को मेरी
मर्जी की तेरी
मोहब्बत को मेरी
इज़ाज़त की तेरी
सलामती को मेरी
हिफाज़त की तेरी
जरूरतों को मेरी
मुद्दतो से तेरी
ज़िन्दगी को मेरी
एक अदद
मुस्कान की तेरी
ख्वाहिसों को मेरी
काबिलियत की तेरी
बस इतना सा जानो
तुम राहत हो मेरी
हम खो बैठे है खुद ही को
हर आहात पे तेरी
ऐसी दूरी सह न पाएंगे
इंतज़ार की इंतज़ार
करते करते इन्तेहाँ हो गयी
बाज़ार में खरीददारी
करते करते शाम हो गयी
घंटो राह में आँखें बिछाये थे बैठे
सोच रहे थे
आजकल चुप चुप क्यूँ हैं रहते
भला हमसे अपने दिल की बात
क्यूँ नहीं हैं कहते
वक़्त अब गुजरता नहीं
तू संग है पर
पहले सी मस्तियाँ क्यूँ नहीं
आँखे शरारती अब क्यूँ नहीं
मुझसे शिकायते भला क्यूँ नहीं
ऐसी दूरी सह न पाएंगे
मजाक में भी हम तुमसे
रूठ नहीं पाएंगे
इश्क की इन गलियों में
जिन गलियों से गुजरने की
ख्वाहिश लिए चले जा रहे थे
जिस दुपट्टे के सरकने से
हम मचले जा रहे थे
आज उन्ही गलियों में
उसी दुपट्टे के संग
उड़ने की चाहत
मेरे दिल में यूँ घर कर गयी
इश्क की इन गलियों में जब
तू मेरी आँखें नम कर गयी
कल रात तुम चुपके से
हमें दुआ सलाम कर गयी
बंधन में बंधे हैं
काजल से सजी आँखों में
नज़रें तुम्हारी
कुछ ऐसी सज रही हैं
की कह रहे हैं कुछ
और आप हैं की कुछ
और ही समझ रही हैं
बंधन में बंधे हैं
जहा नियम बड़े कड़े हैं
तेरे इंतज़ार में ना जाने
कब से यही खड़े हैं
मंजिल मिल चुकी थी
जाने अनजाने
किसी से गुफ्तगू कर ली
फिर बातों बातों में
दोस्ती कर ली
प्यार के रंग में डूबे जा रहे थे
कसमे -वादे निभाना चाह रहे थे
दोनों अपनी ही बस्ती में खुश थे
भीड़ में थे पर वो गुम थे
हर पल में उनके एक अजब सी
मस्ती घुल चुकी थी
शायद दोनों को अपनी अपनी
मंजिल मिल चुकी थी
सपनो में अपनों को
अपनों को अपनों की
सपनो को सपनो की
अपनों के सपनो को
सपनो में अपनों की
इतनी सी ख्वाहिश को
पूरा करने को
अपनों की इजाज़त की
रब की इबादत की
बस एक चाहत की
और एक कदम बढाने की
जरुरत महसूस जो करो
तो सपनो में अपनों को
शामिल किया करो
महसूस हमने किया
सामने तुम्हारा हैं बैठे
कुछ दिल में है
पर यूँ ही कैसे कहते
तुम बेसब्री से इंतज़ार में डूबी हो
तुम हर पल मेरी बातों में गूंजी हो
जानकर हैरान हो रही
झूठ मूठ आँख मूँद सो रही
अपने ख्यालो में
कुछ अनसुलझे सवालों में
जबसे हमें शामिल है किया
नजदीकियाँ होती हैं क्या
महसूस हमने किया
रहती हो हमारी धडकनों में
शरारती हो अंदाज़-ए -बयान
और पूछे वो रहते हो कहाँ
बेझिझक पर्दा शर्म का उठाओ
और कहदो ज़रा सूरत तो दिखलाओ
आइना हमारी आँखें बन जाएँगी
जब भी तुम बन संवर
झूठ झूठ इतराओगी
जब बिछदेंगे हम तुम
कल कब मिलोगी
यह जरुर बतलाओगी
बेहिसाब बारिश के मौसम में
इन्द्रधनुष सी खिलखिलाओगी
क्या मुझसे ये वादे निभाओगी
रहती हो हमारी धडकनों में
कल तुम सब को बतलाओगी
इज़ाज़त आपकी चाहते हैं
हुज़ूर कहिए
यूँ चुप तो न रहिए
हमारी तारीफों को ज़रा सी
तवज्जो तो दीजिये
बस इतना सा रहम इस
दीवाने पे कीजिये
इज़ाज़त आपकी चाहते हैं
कुछ लिखने से पहले
बस आपको मुस्कुराते
देखना चाहते हैं
घर से निकलने से पहले
और हमने तेरी खातिर
परिंदे आकाश में फिरते
कुछ इस धरती की
पनाह में बसते
सपने रातों के उजाले में हैं निकलते
अपनी इक अलग सी
दुनिया को वो हैं रचते
यहाँ हर किसी ने
अपने एक जहां बसा रखा है
और हमने तेरी खातिर
अपने सपनो को भी सुला रखा है
कुछ ऐसी हमारी रानी है
वो बेहतरीन
एक ऐसी हसीन
जिसकी बातों में शामिल
बस हम है
वो कहती है
कुछ कहो ना
यूँ चुप चुप रहो ना
जुबान पे तुम्हारी
नाम हमारा आता नहीं
दिल को तुम्हारे
हमारे सिवा कोई भाता नहीं
करो ना करो यकीन
कुछ ऐसी हमारी रानी है
है छोटी पर दिलचस्प
हमारी प्रेम कहानी है
मोहब्बत में हूँ
बस करो की
इतना प्यार
मैं कैसे संभालू
एक पल को सोचू
एक पल तुमको निहारूं
और कुछ इसी तरह
दिन रात मैं गुजारूं
तेरे ख्वाबों को पूरा करने की
आस्मां में पतंग सा उड़ने की
कोशिश क्यूँ ना करूं
जब हर पल है रंगीन
तो जज्बातों में क्यूँ ना बहूँ
मोहब्बत में हूँ
भला औरों से क्यूँ ना कहूं
प्यार करना कोई तुमसे सीखे
चोरी चोरी
कोरी कोरी
बातें तेरी थोड़ी थोड़ी
चलती हो तुम होले होले
मिश्री सी मिठास घोले
हसीन मेरा हर पल हो आया
कुछ कम सा था
जो मैंने तुममे पाया
हमें पता है वादे
तुम्हारे हैं सच्चे नहीं हैं झूठे
कभी कभी तुम यूँही
रहते हो रूठे रूठे
प्यार करना कोई तुमसे सीखे
मोहब्बत निभाना कोई तुमसे सीखे
तेरी इबादत मिली
रोशनी को मेरी
वो मोहब्बत मिली
रहता हूँ इस जहां में
और तेरी इबादत मिली
रंगों में नहाई अब
हर सुबह नज़र आती है
तेरी खुशबू मेरी ज़िन्दगी
को कुछ इस तरह महकाती है
की तेरी इक झलक हमें
जन्मों का सुकून दे जाती है
बहक जाता हूँ
जब तुम को सामने पाता हूँ
एक पल भी अब
तेरे बिन रह नहीं पाता हूँ
मेरा मकसद था
कहती हो एहसान
मेरी चाहत से अनजान
लगती हो नादान
ज़रा सुनो
यह प्यार भरा फरमान
अब कुछ भी हो जाए
चाहे हम कितना भी सतायें
या हम तुमसे रूठ जाये
तुम झुकना नहीं
कहने से चूकना भी नहीं
गुनाह को मेरे मैं कुबूल करूँगा
फिर कभी दोबारा
ना मैं तुमसे लडूंगा
सिर्फ इश्क करूँगा
इश्क करूँगा…….
पर इस बात से इत्तेफाक रखना
मेरा मकसद था
बस इक तुम्हारा ख्याल रखना
हमारा कोई ख्वाब नहीं
मैं इस तरफ
तुम उस तरफ
और कुछ ही पल पहले
हमने देखे
वो रंग तुम्हारे रुपहले
जी चाह रहा था
रंग में तुम्हारे रंग जाने को
एक मन था संग तुम्हारे
बादलो से घिर जाने को
कुछ रहा नहीं अब कह जाने को
वक़्त हो गया था
दूर तुमसे जाने का
तुम सामने ही थी और
ढूंढ रहा था मैं वजह
दिल को तुम्हारे बहलाने का
मन नहीं था
तुम्हे अलविदा कहने का
उस दर्द को फिर से सहने का
माना हम तुम साथ नहीं
ऐसे जीना आसान नहीं
सच कहें
तुम हमारी अर्धांगिनी हो
हमारा कोई ख्वाब नहीं
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आसमान की चादर
रौनक लौट आयी
भीनी भीनी खूशबू हवा में समाई
मैं अभिभूत हूँ
देख तुम्हारे विचारों की गहराई
देखो ज़रा
आसमान की चादर भी कैसी जगमगायी
मन में मेरे है कशमकश
तुम तुम ही हो या हो मेरा ही अक्स
ढूंढना चाहे कोई तो भी ना ढूंढ सकेगा
तुम जैसा ओर कोई शख्स
मैं सरहद भी लांघ गया था
तुझसे मिलने की खातिर
एक रोज़
मैं सरहद भी लांघ गया था
और कहती हो मैं तुमसे
दूर क्यूँ गया था
हँसते हँसते
तुम जिक्र जुदाई का कर रही थी
तुम्हे क्या पता
यहाँ मेरी जान जल रही थी
मैं कहता नहीं
हाँ सहता भी नहीं
हर जशन में शामिल
तुम्हे करना चाहते हैं
शायद यही थी वजह
की हम तुमसे मिलना चाहते हैं
हमारे बिना रह नहीं पाते
दिल तो तुम्हारा
संभाले नहीं संभल रहा था
मैं कुछ भी कहूं
तुम्हे खूब जच रहा था
हर पल के संग
तेरी मेरी नजदीकियां
बढती ही जा रही थी
धीरे धीरे ही सही
जिंदगी पटरी पे आ रही थी
कुछ तो ज़िन्दगी भर साथ रहके भी
एक दूजे को समझ नहीं हैं पाते
और तुम हो की एक पल को भी
हमारे बिना रह नहीं पाते
बड़ी खूब
मेरी हमदम मेरी दोस्त
मेरी ज़िन्दगी की होस्ट
तुम्हारा मुस्कुराना
पलकों का लहराना
बालों का बिखरना
एक कला है
हमें पता है तुम्हारे अन्दर
एक कलाकार बसा है
इस जीवन में तेरा साथ मिला
बड़ी खूब मेरे रब की रजा है
तेरे आने से उम्मीद हो गयी
जिस मोहब्बत के साये में
आज जी रहा हूँ
खुशनसीब हूँ
हर पल पानी सा बह रहा हूँ
खुद को जान रहा हूँ
इस जहां में आने की वजह
तलाशा करता था
जाने किस तरह खुद को
संभाला करता था
तेरे आने से उम्मीद हो गयी
मेरी धड़कन भी तेरी मुरीद हो गयी
जरा सम्भल के
जिनको समझ नहीं थी
वो बोल रहे थे
खुली हवा में ज़हर घोल रहे थे
पोल खुली तो
नजर वो आये नहीं
और सीधे साधे कभी
किसी को भाए नहीं
नज़र जो खुल भी जाए
वक़्त के गुजर जाने के बाद
तो कोई कैसे हो आबाद
जरा सम्भल के
जाने कहाँ छुपा हो अगला दगाबाज़
एक दूजे को आदाब
कुछ मुलाकातें ऐसी होती हैं
वो आते हैं
टकराते हैं
फिर गुमसुम से हो जाते हैं
खुद को रोक नहीं हैं पाते
उसी को ढूंढते है आते जाते
पलटते रहते है किताब
देखते हैं जागती आँखों से ख्वाब
हो जाते हैं एक दूजे से मिलने को बेताब
कुछ हैं जो प्यार में
कह रहे एक दूजे को आदाब
हम मस्त कलंदर
एक नग
जो नथनी बना बैठा है
काजल से तुम्हारी ऐठा ऐठा है
कंगन भी कुछ कम नहीं
पहला दूजे से रूठा बैठा है
पायल भी तुम्हारी
याद में हमारी
गा रही क़वाली
मेरी मासूम कली
मिश्री की डली
रूठो न यूँ की सूना सूना सा
हो जाता है मंजर
ज़रा हंस भी दो की
हो जाये हम मस्त कलंदर
हमारी जहाँआरा
महसूस कुछ यूँ किया है
पी रहा हूँ अमृत
जिसका जिक्र हमने आज
पहली ही दफा किया है
अब जैसे हर पल को
खुल के जिया है
किस्सा कुछ ऐसा ही है हमारा
हिस्सा हो चुके हैं हम तुम्हारा
बड़ी खूबसूरत है हमारी जहाँआरा
आदतें हमारी तुम पहचानती हो
तसवीरें बोल पड़ेंगी
तकदीरें जाग उठेंगी
बजने लगेंगी शेहनाईयां
लुट जाएँगी तनहाइयाँ
जब जब नज़रें तुम्हारी
हम से मुलाकातें करेंगी
आदतें हमारी तुम पहचानती हो
दूरियां हैं क्यूँ यह भी जानती हो
और क्या चाहे खुद से
जब तुम हमें अपना मानती हो
हीर राँझा का अवतार हो
जो इश्क में हैं होते
वो वक़्त को जाया
यूँही नही किया करते
जहां से हैं गुजरते
लोग उन जैसा होने हैं लगते
बादल भी हैं जब जब बरसते
मोहब्बत को भीगाने को हैं तरसते
और प्यार में डूबना तो है एक कला
जो डूबा वो अपने खुदा से जा मिला
ज़रा ढूंढो अपने प्यार को
और जो ढूढ़ चुके हो तो
ज़रा समझो अपने यार को
महसूस करो उसके दीदार को
रब करे प्यार तुम्हारा सदाबहार हो
क्या पता तुम ही में अगले
हीर राँझा का अवतार हो
खुदा करे खुशियाँ तुम्हारे
जीवन में बेशुमार हो
इन्द्रधनुष के सातों रंग
अंदाज़ ए वफ़ा
कुछ ऐसा होगा
तेरा पल पल इन
आँखों में बयां होगा
रोम रोम मेरा
फिर से जवां होगा
ऐसा समा ओर कहाँ होगा
जब हम तुम होंगे संग
ढूंढ लेंगे हमें
इन्द्रधनुष के सातों रंग
बज उठेंगे ताल और मृदंग
जश्न में डूबेंगे
हम और हमारी हमदम
हाँ हम लड़ेंगे
जीने को बहाने हैं हज़ार
पर यकीन है
तुम संग आएगी बहार
कभी ना आने देंगे
एक दूजे के बीच में दीवार
रहेंगे हमेशा सपनो पे सवार
ना होने देंगे कभी ऐसे हालात
जहां हम दोनों के बीच बिगड़े बात
चुप ना रहेंगे
कुछ भी….. बस कहेंगे
हाँ हम लड़ेंगे
ऐसा जैसा कभी ना किया
फिर कहना प्यार का वो रंग
भी हमने क्या खूब जिया
उन पलो में भी हमने तेरे
प्यार ही को महसूस था किया
रखते हैं ऐसी ख्वाहिश
जाने अनजाने में
हमारे फसानो में
आप कुछ यूँ शामिल हुए
ज़िन्दगी में हमारी
वो निखर आया
भूला ना पाए
ऐसा प्यार पाया
परेशानियों में करते हैं
आप ही से गुजारिश
सपनो में हमारे रोज़ आया करो
रखते हैं ऐसी ख्वाहिश
मुझसे मेरा साया
मुद्दतो में किसी को
ऐसा प्यार नसीब है होता
वो है बदनसीब जो
उस पर से यकीन है खोता
कहते नहीं बनता
सपने जो था बुनता
हूबहू तुममे पाया
खुदा ने मिलाया
मुझसे मेरा साया
प्यार में शक न करना
कुछ सपने हमने भी देखे
kuch अपने भी हमने देखे
कुछ सपने थे अपने तो
kuch अपनों के भी थे सपने
कुछ के सपने टूट गए
जब उनके उनसे रूठ गए
रूठना मनाना
हर बात खुल कर कह जाना
कुछ ऐसा ही होता है
प्यार मे डूब जाना
कुछ ने अपनों के संग थे सपने सजोये
बिखर जाने पे वो भी रोये थे
कई कई रात नहीं सोये थे
कुछ वक़्त खुद ही के संग जो गुजारा
कहने लगे खुद ही से
प्यार में शक न करना दोबारा
Love shayari in hindi for girlfriend 140 words
आशिकों के अंजुमन में
हुस्न भी गजब है
और रुत भी
पानी की बूंदों सी
छलक रही थी तुम भी
टप टप बरस रही थी
बारिश सी
मन में जाग उठी
ख्वाहिश सी
क्यूँ ना बह चले इन पलो में
शामिल हुए अब हम भी
आशिकों के अंजुमन में